अतीत का गौरव और वर्तमान समय की आदर्श- रानी दुर्गावती
मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा जिला समन्वयक विजय शर्मा के निर्देशन में और ब्लॉक समन्वयक कालू सिंह मंडलोई की उपस्थिति में 06 अक्टूबर को रानी दुर्गावती के चित्र पर माल्यार्पण कर उनकी जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में वन वाशी कल्याण की सदस्य पूजा मुजाल्दे ने कहा कि दुर्गावती जब रण में निकली, हाथों में थी तलवारे दो धरती कांपी आकाश हिला जब हिलने लगी तलवारें दो, गीत के बोल आज भी गाने का मन करता है। रानी दुर्गावती न केवल गोण्ड जनजाति की अपितु संपूर्ण भारत की आदर्श थी। जिसका चरित्र कहता है कि नारी अबला नहीं सबला है। वर्तमान में हम लव-जिहाद के इतने सारे उदाहरण सुनते है तो मन में एक विचार आता है कि यह संदेश वर्तमान की युवतियों के मन में दृढ होना चाहिए। आज के युग में रानी युवतियों की आदर्श होनी चाहिए।
परामर्शदाता अर्पित जायसवाल ने कहा कि रानी का अपने राज्य की कृषि व्यवस्था के बारे में बहुत ध्यान था। किसानों के प्रति रानी का रवैया संवेदनशील रहा। भगीरथ मुजाल्दे ने भी रानी ने मुस्लिम आक्रांताओं को एक से अधिक बार युद्ध के मैदान में धूल चटाई थी। अपने पराक्रम के बल पर और सेना का कुशल नेतृत्व करते हुए उसने कई बार विजय प्राप्त की थी। इस दौरान मेंटर मुकेश राठौड़, सोनिया जायसवाल, रीना चौहान, भीकनगांव विकासखंड के नवाकुर संस्था, प्रस्फुटन समिति के अध्यक्ष और सचिव सहित बच्चे श्यामा धार्वे, अर्चना गंगराड़े, स्वेता सूर्यवशी, मोनू निंबालकर, बरखा भालसे, मालती आसलकर, सोनाली प्रजापत,नंदनी खरने, दीपांशु गंगाराडे, बाबूलाल बेस सहित छात्र छात्राएं उपस्थित थे।