प्रदीप कुमार गांगले
मनरेगा योजना में लोगों को एक वर्ष में 100 दिन का मिलता है रोजगार
मनरेगा सरकार की ऐसी योजना है जो अकुशल मजदूरों को एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है। किसी भी गांव के मजदूर यदि ग्राम पंचायत को रोजगार के लिए आवेदन देते है तो सरकार उसे 15 दिन के अंदर उसी गांव में रोजगार उपलब्ध कराती है। मनरेगा के तहत गाँव का सम्पूर्ण विकास होता है। इस योजना से जब कोई कार्य जैसे भवन निर्माण, तालाब या कुएं का निर्माण होता है तो गांव के अकुशल मजदूरों को काम मिलता है। साथ ही अर्धकुशल और कुशल श्रमिकों को भी काम मिलता है और गांव की परिसम्पत्ति में भी वृद्धि होती है।
गांव में स्कूल भवन, पंचायत भवन, मांगलिक भवन, धर्मशाला, उप स्वास्थ केन्द्र जैसे भवन जब बनते है तो आने वाली कई पीढियां उसका लाभ उठाती है। यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मण्डलेश्वर के सचिव एवं जिला न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह से ग्राम पंचायत समराज में आयोजित नालसा की मनरेगा योजना एवं गरीबी उन्मूलन योजना के तहत आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में दी। उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना के तहत होने वाले कार्याें में मशीनों का उपयोग नहीं किया जाता है। इसलिए अधिक से अधिक मजदूरों को इस योजना में रोजगार मिलता है। जिससे ग्रामीण मजदूरों का जीवन स्तर ऊपर उठता है। केंद्र और राज्य सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए न्यायाधीश श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की लाडली बहना योजना के माध्यम से बहनों का आर्थिक विकास और मान सम्मान बढ़ा है। उन्होंने नालसा की गरीबी उन्मूलन योजना की जानकारी देते हुए पंचायत विभाग से कहा कि सरकार की योजना का लाभ गरीब व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। तभी सरकारी योजनाए सफल मानी जाएगी।
स्थानीय निकाय पंचायतों को सरकार के धन का सदुपयोग करना चाहिए। यदि निश्चित समय अवधि में पंचायत सरकारी फंड का उपयोग नहीं कर पाती है तो वह फंड लैप्स हो जाता है जो कि सरकारी तंत्र की असफलता दर्शाता है। यदि धन का पूरा उपयोग हुआ है तो यह सरकारी तंत्र की सफलता दर्शाता है। पैरालीगल वालेंटियर दुर्गेश राजदीप ने विधिक सेवा की जानकारी देते हुए बताया कि आम जन को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने, गरीब लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह और सहायता दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्य करता है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में शामिल एक व्यक्ति देवराम पिता शिवराम ने न्यायाधीश को अपनी समस्या बताई कि उसका नाम पोर्टल पर ओपन नहीं हो रहा है। इस कारण उसके अकाउंट में क़िस्त नहीं डल रही है। इसके तुरंत समाधान के लिए न्यायाधीश द्वारा सचिव को निर्देशित किया गया। आभार सचिव श्रीमती संगीता बलराम खेड़े ने माना। इस अवसर पर मांगीलाल सोलंकी, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी शर्मिला रोकड़े, एएनएम शकुंतला रावल, आशा पर्यवेक्षक श्रीमती सन्तोष यादव, मोबिलाइजर संगीता खेड़े सहित ग्रामीण उपस्थित थे।