प्रदीप कुमार गांगले
बड़वाह खरगोन जिले की तहसील बड़वाह की ग्राम पंचायत डालची स्थित सेल्दा में एनटीपीसी सुपर थर्मल पावर स्टेशन सेल्दा एवं श्री सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट डोगलिया मूंदी जिला खंडवा में स्थित है।दोनो प्लांटों से निकलने वाला रासायनिक अपशिष्ठ पदार्थों जैसे साइलो एश व पौंड एश को बलकर हाईवा टिप्पर ओवरलोड वाहनों का टेंडर कर्ताओं के द्वारा मनमानी करते हुए प्रतिदिन निमाड़ के खरगोन खंडवा बुरहानपुर बड़वानी जिले की विधानसभा से प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का आवागमन संचालित हो रहा है।जिससे आम नागरिकों को सड़क मार्ग से अपने अपने दुपहिया सहित अन्य वाहनों से यातायात करते समय दुर्घटनाओं का हमेशा अंदेशा बना हुआ रहता है।जिसको लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम का जनहित में शिकायती आवेदन थाना प्रभारी बलराम सिंह राठौर को सौंपा गया।
परिवहन विभाग के नियमों को ताक में रखकर पूरे रास्ते भर राखड़ उठाते जाते है।
पूर्व विधायक हितेंद्रसिंह सोलंकी ने शिकायत में बताया कि दोनों प्लांटों से प्रतिदिन टिप्पर बलकर वाहनों में साइलो (एश) पौंड (एश) भरकर परिवहन विभाग के नियमों को ताक में रखकर पूरे रास्ते भर राखड़ को उठाते व गिराते हुए ओवरलोड व अनफिट बाड़ी (एक्सेस बाड़ी)के द्वारा माल को गंतव्य स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।जिसमें ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने की दृष्टि से शासकीय प्लांटों के कर्मचारियों एवं जिला परिवहन अधिकारी द्वारा कृत्य किए जाने के कारण से आर्थिक लाभ पहुंचाने की आशंका व्यक्त की जा रही है।साथ ही उनके द्वारा नेशनल हाइवे जिलाधीश के पत्र का हमेशा हवाला दिया जाता है।जबकि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। ओवरलोड वाहनों को लेकर मामले की जांच होना अतिआवश्यक है।
पर्यावरण विभाग के नियमों को ताक में रखकर खुलेआम वाहनों को दौड़ाया जा रहा
शिकायतकर्ता सुनील नामदेव ने बताया कि पर्यावरण विभाग के नियमों को ताक में रखकर दोनों संस्थानों से पौंड ऐश राखड़ को टिप्पर वाहनों में त्रिपोलियन (त्रिपाल)से ढक्कर एक स्थान से गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। जबकि अत्यधिक जहरीले (अशिष्ट) पदार्थ को टिप्पर डंपर वाहनों में ऐसा ले जाना आम नागरिकों के जीवन के स्वास्थ पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।अपशिष्ट पदार्थ को सिर्फ बलकर या क्लोज टिप्पर (मैकेनिकल बंद होने वाले डिब्बे) /ट्रक द्वारा ही ले जाया सकता है। त्रिपोलियन को ढकने के बाद भी एमपी पीजीसीएल एनटीपीसी पॉल्यूशन डिपार्टमेंट के अनुसार राखड़ को मात्र 10किमी दूरी तक ही ले जाने का नियम है।फिर भी नियमों को ताक में रखकर सैकड़ों किमी दूरी तक त्रिपाल ढककर ले जाया जा रहा है।वाहनों से उड़ने वाली राखड एवं गिरने वाली राखड से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है साथ ही उसके कण से सांस लेने में तकलीफ भी होती है।उसके अलावा कृषि भूमि सहित सड़क मार्गो पर राखड़ गिरने से सड़कों को खराब किया जा रहा है।
ओवरलोड व अनफिट बाड़ी (एक्सेस बाड़ी)के द्वारा माल को गंतव्य स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।
अंकुश विश्वकर्मा ने बताया कि दोनों प्लांटों से प्रतिदिन टिप्पर बलकर वाहनों में साइलो (एश) पौंड (एश) माल भरकर क्षेत्र की सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में वाहनों का 24घंटे दिन रात ओवरलोड व अनफिट बाड़ी (एक्सेस बाड़ी)के द्वारा आवागमन बना हुआ है।ओवरलोड वाहनों वजह से सड़क का जर्जर होना साथ ही आएदिन हो रही दुर्घटनाओं की भरपाई कौन करेगा।शासन द्वारा खंडवा खरगोन जिले मध्य स्थित नर्मदा नदी के ऊपर बने ब्रिज से शासन के आदेशानुसार 20टन के कम वाहनों का आवागमन हेतु आदेश जारी किया गया है। किंतु नियमों की धज्जियां उठाते हुए अनफिट व ओवरलोड वाहनों का प्रतिदिन ब्रिज से आवागमन हो रहा है।इस ब्रिज की क्षति पूर्ति व आमजन मानस को होने वाले नुकसान की पूर्ति कौन करेगा।48घण्टों में शासन द्वारा यदि कोई ठोस कार्यवाही नहीं करने पर जनमानस के हित में हमें सड़कों पर उतरना पड़ेगा।जिसकी जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों की रहेगी।
शासन के राजस्व की चोरी की जा रही है।
हितेंद्रसिंह सोलंकी ने बताया कि दोनों प्लांटों से प्रतिदिन टिप्पर बलकर साइलो (एस) पौंड (एस)भरे हुए वाहनों में वाहन चालकों के पास ना तो मौके पर गेट पास होता है।और ना ही काटा पर्ची उपलब्ध होती है।जबकि नियम अनुसार दोनों प्लांटों से माल भरते समय काटा पर्ची देना नियम अनुसार अनिवार्य है।टेंडर कर्ताओं की मनमानी के चलते हुए शासन के राजस्व की चोरी की जा रही है।जिसका मुख्य कारण वाहनों को ओवरलोड भरकर भेजना है। जहा दो वाहनों का कार्य एक वाहन से ही किया जा रहा है।जिसके कारण शासन के राजस्व का नुकसान के अलावा टोलटेक्स सड़क का रखरखाव ब्रिज का रखरखाव प्रदेश की जनता का नुकसान हो रहा है उसकी जांच की जावे।