प्रदीप कुमार गांगले
डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल से मिली जानकारी अनुसार आवेदक राहुल बिरला निवासी सनावद ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जीएसटी रिटर्न एवं एकाउंटिंग का कार्य वह अपनी फर्म लक्ष्य एकाउंटिंग सॉल्यूशन में रहकर करते हैं। सीजीएसटी के सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी द्वारा एक मेडिकल फर्म का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया था जिसे रिबोक करना था तथा तीन फर्मों में पते तथा मोबाइल नंबर अमेंडमेंट कराना था, जिसके लिए उनके द्वारा 20 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी, शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त राजेश सहाय ने उक्त शिकायत का सत्यापन कराया।
बातचीत के दौरान सुपरिंटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी द्वारा आवेदक के दोनों कार्यों के एवज़ में 20 हज़ार रुपया की रिश्वत मांगा जाना पाया गया, जिस पर गुरुवार को योजनाबद्ध तरीके से त्रिपाठी के कार्यालयीन कक्ष में 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेंहाथ गिरफ्तार किया गया।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को कसरावद में मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण महेश्वर के उपयंत्री राहुल मंडलोई को 5 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। बुधवार 24 अक्टूबर को इंदौर में एमपीईबी का जूनियर इंजीनियर लोकायुक्त के हत्थे चढ़ा है। लोकायुक्त टीम ने इंजीनियर के साथ ही आउटसोर्स कर्मचारी को एक लाख रुपए की रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है।